नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी के जिन वादों की हवा निकल गई
भाइयों बहनों, मैंने सिर्फ़ देश से 50 दिन मां गे हैं. 50 दिन. 30 दि संबर तक मुझे मौक़ा दीजिए मेरे भाइयों बहनों. अगर 30 दिसंबर के बाद कोई कमी रह जाए, कोई मेरी ग़लती निकल जाए, कोई मेरा ग़लत इरादा निकल जाए. आप जिस चौराहे पर मुझे खड़ा करेंगे, मैं खड़ा होकर..देश जो सज़ा करेगा वो सज़ा भुगतने को तैयार हूं." ये शब्द भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही हैं. आठ नवंबर, 2016 को रात आठ बजे नोटबंदी की घोषणा करके 500 और 1000 के नोट के चलन को रोकने के ठीक पांच दिन बाद वे गोआ में एक एयरपोर्ट के शिलान्यास पर नोटबंदी के बारे में बोल रहे थे. लेकिन एक साल और नौ महीने के बाद सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या मोदी के नोटबंदी से जुड़े सभी दावों की हवा निकल गई है? नोटबंदी को लागू करने से देश को क्या फ़ायदा हुआ ये सवाल आम लोगों से लेकर सियासी गलियारे में तैर रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से नोटबंदी की कामयाबी को लेकर कोई दमदार दलील अब तक सामने नहीं आई है. 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से होने वाले फ़ायदों में काले धन से लेकर चरमपंथ और आतंकवाद पर अंकुश लगाने