सीमा पर तैनात जवानों ने देशवासियों को कुछ इस तरह दी

बारामूलाःहां एक तरफ पूरा देश जोश और धूमधाम से दीपावली का त्योहार मना रहे है, वहीं हमारे देश के वीर जवान कठिन परिस्थितियों के बावजूद घर परिवार से दूर ऊंची पहाड़ियों पर देश की सीमाओं को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए इस महा उत्सव के दिन भी हाथों में बन्दूक लिए सुरक्षा में लगे हुए हैं. लेकिन इन जवानों से बात करने पर जरा भी यह एहसास नहीं होता कि इन्हें इस त्योहार पर घर से दूर रहने का दुख है. ये शान से कहते हैं कि इन्हें गर्व है कि हम पर देश सुरक्षा का जिम्मा है. 
सीमा पर तैनात सिपाही अनुज कुमार का कहना है “ देश धूमधाम से दीपावली मनाये इसलिए हमने मोर्चा संभाला है और जब तक जान है तब तक देश पर कोई आंच नहीं आने देंगे. देश को दीपावली की शुभकामनाएं” हवलदार राजवीर सिंह ने कहा, “देश में में सुख शांति बनी रहे और हम देश की रक्षा हर हाल में कर सकें यही हमारी मनोकामना है”
ऐसा नहीं कि यह लोग दीपावली नहीं मानते, इन जवानों ने अपनी यूनिट को अपना परिवार बना लिया है. शिफ्ट में सीमा की ड्यूटी के बाद, इस दिन पूजा पाठ का भी पूरा बंदोबस्त रहता है. यूनिट में बने मंदिर को शानदार तरीके से सजाया जाता है, भजन कीर्तन होता है. देश, देशवासियों और अपने परिवार की खुशी के लिए प्रार्थना की जाती हैं, मिठाइयां बंटती हैं, दीप जलते हैं.
इन्स्पेक्टर बी.डी.शर्मा ने कहा, “हमारे परिवार को नहीं समझना नहीं चाहिए कि हम दूर हैं, उन्हें गर्व करना चाहिए कि हम देश की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी निभाते हैं. यूनिट का हर साथी हमारा परिवार है” सिपाही विक्रम कहते हैं “हम सब एक साथ मिलकर यह त्योहार मानते हैं. हम यहां पर हैं तो देश के लोग यह महसूस करते हैं कि वो सुरक्षित है. इस बात का हमें गर्व है” 
इस मौके पर भारत की जय-जयकार के नारों के साथ साथ देश प्रेम के गानों के साथ धूम धड़का भी दिखा. यहां कहीं पर भी यह महसूस नहीं हुआ कि यह लोग घर से दूर हैं, हर जवान के चहरे पर मुस्कान और देश प्रेम ही दिखा.
अब भारतीय सेना के पटाखों की बात करते हैं. हो सकता है कि ये पटाखे प्रदूषण फैलाते हों.. लेकिन इन पर प्रतिबंध नहीं है. ये पटाखे देश के दुश्मनों के दिल में खौफ पैदा करते हैं. इन पटाखों के बारे में कहा जाता है, कि युद्ध की स्थिति में ये साक्षात भगवान की भूमिका निभाते हैं. इसलिए आज The God Of War कहे जाने वाले भारतीय सेना के तोपखानों का विश्लेषण करना ज़रुरी है. सवाल ये है, कि दीपावली से ठीक एक दिन पहले हम भारतीय सेना की 'देशभक्त तोपों' की बात क्यों कर रहे हैं ?
इसका जवाब आपको इन तस्वीरों में मिलेगा. क्योंकि, 30 वर्षों के बाद, भारतीय सेना को नई तोपें मिलने जा रही हैं. जिनके नाम हैं,   M-777 और Self-Propelled Gun, K-9 वज्र.....दीवली का पर्व है, इसलिए आप ये भी कह सकते हैं, कि 30 साल के वनवास के बाद भारतीय सेना के भगवान, अपने घर वापस लौट आये हैं. 9 नवंबर को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, इन दोनों Artillery Systems को औपचारिक तौर पर सेना में शामिल करेंगी. एक पुरानी कहावत है कि युद्ध के मैदान में ताक़तवर तोप ही जीत की गारंटी होती है. इसीलिए DNA में हमने समय-समय पर भारतीय तोपों से जुड़े कई विश्लेषण किये हैं. पिछले वर्ष हमने आपको एक रिपोर्ट दिखाई थी, जिसमें हमने आपको बताया था कि कैसे हमारी सेना के पास मौजूद तोपों में ज़ंग ल्ग गया है. हमने आपको On The Spot रिपोर्टिंग की मदद से भारत के तोपखाने की तस्वीरें भी दिखाई थीं. इसके बाद 18 मई 2017 को अमेरिका से भारत आईं नई तोप... M-777 की Field Testing से जुड़ी तस्वीरें भी सबसे पहले Zee News ने ही देश को दिखाई थी. भारतीय सेना अपने दोनों पड़ोसियों यानी पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के दौर से गुज़र रही है. दोनों ही मोर्चों पर भारतीय सेना को ऊंचे पहाड़ों पर दुश्मन का मुक़ाबला करना है. और ऐसे पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में हार-जीत का सारा दारो-मदार तोपों पर ही टिका होता है. ऐसे में तोपखाने में नई तोपों का आना बेहद ज़रूरी है. अच्छी ख़बर ये है कि अब भारत को नई तोपें मिलनी शुरू हो गई हैं.
अमेरिका और भारत के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारत को कुल 145 Howitzer तोपें मिलेंगी . इनमें 25 तोपें अमेरिका से भारत आएंगी. जबकि बाकी की 120 तोपों को भारत में ही बनाया जाएगा. अमेरिका और भारत के बीच ये डील करीब 3 हज़ार करोड़ रूपये की है . अब से लेकर वर्ष 2021 के जून तक हर महीने 5 तोपें भारत आएंगी. इसके अलावा Self-Propelled Gun, K-9 वज्र को दक्षिण कोरिया की मदद से बनाया जा रहा है. और इसे Make In India कार्यक्रम के तहत तैयार किया जा रहा है.

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